सोशल मीडिया जनजातीय विकास का प्रभावी माध्यम बन सकता है : रंजीत राय ।

By: राजेश कुमार सिंह

On: Sunday, November 16, 2025 10:12 AM

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शक्तिनगर।महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, एनटीपीसी परिसर की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई– प्रथम एवं तृतीय के संयुक्त तत्वावधान में 15 नवंबर 2025 को “जनजातीय गौरव दिवस” समारोह उत्साहपूर्वक आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई।

मुख्य अतिथि शिवांशु तोमर, केंद्रीय विद्यालय शक्तिनगर, ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि बिरसा मुंडा भारतीय इतिहास के उन महानायक थे जिनका जीवन त्याग, संघर्ष और जनजातीय समाज की उन्नति के लिए समर्पित था। उन्होंने जनजातीय जीवन, उनके सामाजिक–आर्थिक संघर्ष तथा सांस्कृतिक पहचान को तार्किक और भावनात्मक रूप से विद्यार्थियों के समक्ष प्रस्तुत किया। बिरसा मुंडा केवल इतिहास नहीं, बल्कि संघर्ष की वह जीती-जागती मिसाल हैं जो हर युवा को अपने अधिकार, संस्कृति और मातृभूमि के लिए खड़े होने की प्रेरणा देती है।

सोशल मीडिया जनजातीय विकास का प्रभावी माध्यम बन सकता है : रंजीत राय ।
सोशल मीडिया जनजातीय विकास का प्रभावी माध्यम बन सकता है : रंजीत राय ।

समारोह की विशिष्ट अतिथि श्रीमती जैसेफिन इक्का, केंद्रीय विद्यालय शक्तिनगर, ने मुंडा जनजाति की राष्ट्रभक्ति, प्रकृति के प्रति लगाव और सामुदायिक जीवन के महत्व पर विशेष प्रकाश डाला। उन्होंने समूह नृत्य, सामुदायिक गीतों और प्रकृति-नाद वाले वाद्य यंत्रों की परंपरा को भारतीय समाज के लिए अनुकरणीय बताया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. प्रदीप कुमार यादव, संस्था प्रभारी, ने कहा कि वर्तमान समय चुनौतियों से भरा है। ऐसे में जनजातीय समुदाय को बिरसा मुंडा के आदर्श, त्याग और संघर्ष को आत्मसात कर अपने अधिकारों के लिए आगे आना होगा। जब तक आदिवासी समुदाय एकजुट होकर अपने अधिकार और विकास के लिए संघर्ष नहीं करेगा, तब तक समाज का समग्र विकास संभव नहीं है।

दूसरे विशिष्ट अतिथि अरविंद कुमार पनिका, अभियंता, अनपरा परियोजना, ने कहा कि आदिवासी समाज के वास्तविक विकास के लिए उन्हें भूमि पर मालिकाना हक मिलना आवश्यक है। तभी वे मुख्यधारा से जुड़कर देश के विकास में सार्थक योगदान दे सकेंगे।

रामकृष्ण प्रधान, प्रतिनिधि–बेलदहवा, ने सोनभद्र जिले में जनजातियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार संबंधी समस्याओं के समाधान हेतु सामाजिक पहल को आवश्यक बताया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता रंजीत कुमार राय, शोध छात्र, काशी हिंदू विश्वविद्यालय, ने जनजातीय जीवन पर सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव और उससे उत्पन्न सामाजिक–सांस्कृतिक चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया जनजातीय विकास का एक प्रभावी माध्यम बन सकता है, यदि इसका उपयोग सशक्तिकरण और सकारात्मक परिवर्तन के लिए किया जाए।

इस अवसर पर दो प्रतिभाशाली जनजातीय छात्राओं पायल कुमारी एवं अंजना पूर्ति को उनके उत्कृष्ट योगदान एवं उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. विनोद कुमार पांडेय, कार्यक्रम अधिकारी द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. छोटेलाल प्रसाद, कार्यक्रम अधिकारी ने प्रस्तुत किया।

समारोह को सफल बनाने में डॉ. दिनेश कुमार, डॉ. मनोज कुमार गौतम, प्रशांत कुमार विश्वकर्मा, श्रवण कुमार, हिमांशु, राहुल, ज्योति, पूजा, खुशबू, रोशनी, आयशा परवीन, कोमल, विशेष जायसवाल सहित अनेक स्वयंसेवकों का सहयोग सराहनीय रहा।

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