SINGRAULI : सरकारी योजनाओं का लाभ भले ही गरीबों के लिए बने हो , पर योजनाओं का लाभ भले ही गरीबों को न मिले पर बिचौलियों को इनका लाभ जरूर मिल जाता है और जाहिर सी बात है कि बिना सिस्टम के हामी से ऐसा हो भी नही सकता। यह सब होता है और जब कभी ऐसे मामलों पर आवाज उठती है तो उन आवाज को दबाने के लिए सिस्टम जाँच की बात कह कर आवाज को ही चुप करा देता है।कुछ ऐसा ही मामला सिंगरौली (SINGRAULI) जिले के जिला मुख्यालय में मौजूद नगर निगम के PM आवास का भी है , जहाँ पर स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि नगर निगम के प्रधानमंत्री (PM)आवास योजना के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया गया है । दरशल सिंगरौली जिले के नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत गनियारी में प्रधानमंत्री आवास योजना की हकीकत उस भ्रष्ट सिस्टम का आईना बन गई है, जो गरीबों के नाम पर योजनाएं बनाता है और फायदा उठा लेते हैं रुतबेदार लोग। प्रधानमंत्री आवास योजना का मकसद था—हर गरीब को उसका सपना, एक पक्का घर। लेकिन गनियारी में हकीकत कुछ और ही है। जिन लोगों को ये आवास दिए गए हैं, वो खुद इस योजना के पात्र ही नहीं हैं। कई घरों में एयर कंडीशनर AC) लगे हैं, और बेसमेंट में लाखों की लग्जरी कारें पार्क हैं। सवाल ये उठता है—क्या ये वही लोग हैं जिनके लिए ये योजना बनी थी?
कई अपात्र लोग सिस्टम की कमियों के फायदा उठाकर गरीबों के हक पर डाका डाल चुके हैं । स्थानीय लोगों और सूत्रों की मानें तो PM आवास योजना के नाम पर जमकर बंदरबांट हुई है। जिनके पास पहले से ही घर, संपत्ति और महंगी गाड़ियां हैं, उन्होंने साठगांठ कर ये मकान हथिया लिए। वहीं, जिन गरीबों को वास्तव में इन घरों की जरूरत थी, वो आज भी झोपड़ी या किराए के मकान में जीने को मजबूर हैं।
जनता पूछ रही है:
प्रधानमंत्री आवास के नाम पर गरीबों के आवासों पर रह रहे अपात्र लोगों को आखिरकार आवास कैसे उपलब्ध करा दिए गए ? आखिर जिम्मेदार कौन है? किसकी मिलीभगत से ये खेल हुआ? क्या प्रशासन जान-बूझकर आंख मूंदे बैठा है? और इस मामले पर कई बार शिकायत होने के बावजूद प्रशासन ने इस मामले पर कार्रवाई क्यों नही की ? और उन लोगों का क्या जो अपने और अपने परिवार जनों के नाम पर आवास लेकर उसे किराए पर दिए बैठे हैं ?लंबे अरसे से चली आ रही प्रशासन की जाँच कब पूरी होगी और दोषियों पर कार्रवाई कब होगी ?
प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर पहले भी कई बार भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन इस बार तस्वीरें और हालात खुद गवाही दे रहे हैं।लोगों का आरोप यहाँ तक है कि प्रधानमंत्री आवास को जाँच पड़ताल हो तो कई निगमकर्मियों सहित स्थानीय नेताओं के परिजनों रिस्तेदारों के नाम पर योजनाओं का फायदा अपात्रों को पहुंचाया गया है।






